Posted by Parishi in
Phantom- Hindi
Hello Friends ! Enjoy one Hindi Phantom comic , lent by Mr Abhishek to scan and share .Perhaps earlier posted its Hindi version on somewhere was not in HQLot of thanks to him for his help .
Denkali Per Aakraman
7 Response to Denkali Per Aakraman
Is is a very good comic with beautiful art and story.
Thanks for posting this wonderful IJC, Parishi. It is one of my favorite Phantom Comics.It has gripping story from the start to finish.Also, beautifully adjusted and arranged panels are covering the story neatly.
इस कहानी में ऐसे बहुत से हैरतान्गेज दृश्य और वेताल दंतकथाएं हैं जिससे यह कहानी बार बार मुझे अपनी और खींचती है :-
1) कैरोलीन विक्स को गुंडों से बचाते वक़त वेताल का पन्ना न 10 के आखिर में ऊँगली के इशारे से दुसरे गुंडे को यह कहना की "अब तुम"
इस दृश्य में वेताल का चेहरा अँधेरे से ढंका हुआ है और क्या खूब लिखा है इस दृश्य के ऊपर "जो बोली निकली वो ठंडी और शांत लेकिन ऐसी की सुनने वाला थर्रा जाये "!
2)बैंक डकैती के वक़त गुंडों का बैंक के अन्दर माचिस जला कर रौशनी करना और वेताल के चुपके से उसे बुझा देना और इस गुप्प अँधेरे में सकते में आये गुंडों की वेताल द्वारा धुलाई !
3) पन्ना न 22 में वेताल का पुलिस प्रमुख के सामने महापौर और गुंडों की मिली भगत को मात्र यह बोल कर ही दर्शाना "हूँ उं उं उं उं "...कहते हैं वेताल की इस हूँ उं उं उं उं से अच्छे अच्छों की नानी मर जाती थी !
4) वेताल का चेतावनी देने का एक अंदाज , 'गुंडों के मुंह में थामी हुई सिगरेट पर निशाना लगाना ' स्तब्द कर के रख देने वाला दृश्य !
5) पन्ना न 21 में पुलिस प्रमुख का वेताल का चेहरा देखने के लिए बातों बातों में लैम्प को जलाने का प्रयास और वेताल का अँधेरे में ही यह जवाब "रौशनी नहीं ..."
ताज्जुब की बात यह है की इंद्रजाल का 98 वां अंक, वो भी हिंदी में (जिसका आज की तारिख में मिलना ही मुश्किल है ) और ऊपर से इतनी जबरदस्त कहानी , लेकिन एक दो को छोड़ कर किसी और की टिपण्णी तक भी नहीं !
praveen : welcome . Happy to share your favorite story
VISHAL : Thanks for nice comments . We just share what we can manage . It depends upon Hindi comics lovers to say comments or not , we will continue to share
Thanks
Dear Ajay Ji,
I think the link is not working as on 16.02.2013. Kindly re-post the link. One of my favourite Comic.
Regards,
Raj
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